जय महयाल,
पिछले कुछ दिनों से मंन बहुत उद्द्वेल्लित था . एक महाशय ने बरबस ही सवाल किया " आप कौन होते हैं " मैंने कहा महाशय मैं मोहयाल ब्राह्मण हूँ I अब उन्होंने एक और सवाल दाग दिया - मोहयाल मतलब? और फिर जैसे ए.के.हंगल साहिब पूछ रहे हों -"इतना सन्नाटा क्यों है भाई?"
ऐसा जानिए के जैसे मुझे काटो तो मुझमें खून नहीं I खुद से सवाल ,मिलने जुलने वाले बिरादरान से सवाल की मोहयाल शब्द का अर्थ क्या है कोई तो बता दो ! लेकिन कहीं से भी कोई भी संतोषजनक उत्तर नहीं मिला . मंन बेचैन हो उठा था . महाशय को उत्तर देना ज़रूरी था ! अपनी बिरादरी के कई बुद्धिजीवियों से संपर्क साधा पर लगभग सभी ने इंटरनेट में फैली हुई जानकारी एकत्रित कर के अपना फरमान सुना दिया की भाई ये "महिपाल " शब्द का अपभ्रंश रूप है जिसका अर्थ होता है भूमि का स्वामी, श्री कृष्ण ,राजा, वगेरह वगेरह ! लेकिन दिमाग के कोने में एक कीड़ा काट रहा था की महिपाल से मोहयाल शब्द की उत्त्पत्ति???? नहीं! बात कुछ हज़म नहीं होती!
इसी जिज्ञासा के क्रम में विचार सांझे करने शुरू किये .लेकिन हमने ठान लिया था मोहयाल शब्द का शाब्दिक अर्थ ढूंढ के ही रहेंगे
इस बात को लगभग ८ महीने हो चले थे और नतीजा सिफर ! ख़ैर उपरवाले ने एक दिन हमारी भी सुनी और हमें प्रोफेसर  का पता चला . प्रोफेसर साहिब बी एच यु में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष रह चुके थे. जब उनसे पूछा की क्या संस्कृत में मोहयाल कोई शब्द है? तो छूट'ते ही उन्होंने कहा की आप कृपया संस्कृत की डिक्शनरी में मह्या शब्द का अर्थ ढूंढे आप को सब कुछ मिल जायेगा!
आह अंततः मह्या शब्द का अर्थ देखा - HIGHLY HONOURED!
अब रह गया था प्रत्यय "ल" ! तो इसका अर्थ भी खोज गया और जवाब मिला - 3rd semivowel, short syllable
(syllable यानी शब्दांश )
यानि यह शब्द मोहयाल या महियाल या मुहियाल न होकर " महयाल" है जिसका अर्थ होता है अत्यधिक मान'नीय
यानि महयाल ब्राह्मण वो हैं जो अत्यधिक मान'नीय ब्राह्मण हैं !
आप सब बुद्धिजीवियों के विचार एवं टीका टिप्पणी सादर आमंत्रित हैं ! मैंने बहुत परिश्रम किया है इस शब्द के शाब्दिक अर्थ तक पहुंचने के लिए ! यदि आप सब बुद्धिजीवियों के आशीर्वाद का प्रसाद मिल जाये तो अपनी मेहनत सफल समझूंगा ! कंम से कम अब हर कोई सर उठा के महयाल ब्राह्मण शब्द का शाब्दिक अर्थ तो बता सकेगा
जय महयाल !

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