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यह भारतवर्ष का महाभारतकालीन नक्शा है, जो बेहद सटीक और सही है। चीन भारतीय इतिहास जितना व्यापक और रोचक है, शायद ही किसी अन्य देश का इतिहास इसके करीब हो। महाभारत के रचयिता वेदव्यास के अनुसार महाराज दुष्यन्त के पुत्र सम्राट भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा था। एतरेय ब्राह्मण के मुताबिक, भरत एक चक्रवर्ती राजा थे, जिन्होंने चार दिशाओं तक की भूमि को जीतकर एक विशास साम्राज्य को कायम किया था। सही मायने में उन्होंने ही पहली बार भारतवर्ष को एक सूत्र में बांधा था।  इसकी पुष्टि अमेरिका की   लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस   भी कर रही है। बहुत कम लोगों को पता है कि इस लाइब्रेरी ने अधीकृत रूप से महाभारतकालीन भारतवर्ष का मानचित्र जारी किया है। इस मानचित्र के मुताबिक एक समय एकीकृत भारत कांधार से लेकर कंबोज तक हुआ करता था। महाभारतकालीन भारत का फैलाव अत्यधिक विस्तृत माना गया है और यही वजह है कि इस देश को वृहत्तर भारत भी कहा जाता रहा है। loc इस मानचित्र को 20वींस सदी के पूर्वार्ध में पूना (अब पुणे) मे बनाया गया था। इसमें उन सभी शहरों और राज्यों की राजधानियों का जिक्र संस्कृ...
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http://religion.bhaskar.com/news-fli-fbo/JM-JKR-DGRA-what-ashwatthama-still-alive-know-the-9-interesting-things-associated-with-them-5182338-.html?seq=1

lord purshuram ji

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http://www.speakingtree.in/spiritual-slideshow/seekers/mysticism/why-did-parshurama-cut-his-mothers-head/257896 Compiled by Ch. Anil Dutta, Amritsar
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History of Mohyals--Part 3 -- Bhimwal

                                                                    BHIMWALS    The Bhimwals by tradition are a subdued class among the Mohyals.  May be their minuscule strength, just 3.5% in the community's numerical chart, has affected their psyche and implored them to assume a low profile and a passive stance, verging on the laissez-faire. Their track record follows a listless course and they do not seem to have had brush with many cataclysmic events like their cousins of the other castes. Ironically perhaps, it is the manifestation of these traumatic reflexes that alliances with Bhimwals are courted rather grudgingly by t...